Baran News – फूलबड़ौदा में जनजातीय चेतना की अलख: धरती आबा शिविर संपन्न
फूलबड़ौदा, 9 जुलाई:
जनजातीय समाज की सांस्कृतिक विरासत, अधिकारों और स्वाभिमान को प्रबल करने के उद्देश्य से फूलबड़ौदा में आयोजित “धरती आबा जनजाति शिविर” सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। शिविर ने न केवल ग्रामीणों को एकजुट किया, बल्कि जनजातीय चेतना की नई अलख भी जगाई।
शिविर की शुरुआत धरती आबा बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाज़ों के साथ हुई। बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग, स्थानीय युवा, महिलाएं, बुज़ुर्ग और सामाजिक कार्यकर्ता इस आयोजन में उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ताओं ने जनजातीय समाज के इतिहास, संघर्ष और वनाधिकार कानून, पेसा अधिनियम, संवैधानिक संरक्षण जैसे मुद्दों पर विस्तृत प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि, “धरती आबा की विचारधारा हमें जल, जंगल और ज़मीन से जुड़े अपने अधिकारों के लिए सजग और संगठित रहने की प्रेरणा देती है।”
शिविर के दौरान विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें पारंपरिक नृत्य, गीत और लोककलाओं के माध्यम से आदिवासी संस्कृति की समृद्ध झलक सामने आई। युवाओं के लिए जानकारीपूर्ण सत्रों के माध्यम से शिक्षा, स्वरोजगार, और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी जानकारियाँ भी प्रदान की गईं।
शिविर ने एक सशक्त संदेश दिया कि जनजातीय समाज न केवल अपनी पहचान को सहेजने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि संगठित प्रयासों के माध्यम से विकास की मुख्यधारा में भी निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है।
आयोजन के अंत में सभी प्रतिभागियों ने मिलकर धरती और अधिकारों की रक्षा का संकल्प लिया। आयोजन समिति ने भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों के आयोजन का आश्वासन दिया।
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