बारां में सर्पदंश मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, एक घंटे में इलाज है जीवन रक्षक
मानसून की शुरुआत के साथ ही बारां जिले में सर्पदंश (सांप के काटने) के मामले सामने आने लगे हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण सांप अपने बिलों से बाहर निकलकर निचले व रिहायशी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं। इसे देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है।
हर अस्पताल में उपलब्ध है एंटी स्नैक वेनम
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC), उप जिला अस्पतालों और जिला अस्पताल में एंटी-स्नैक वेनम (ASV) उपलब्ध करा दिया गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सर्पदंश के मामलों में समय पर इलाज सबसे जरूरी है। पहले 30 मिनट से 1 घंटे के भीतर इलाज मिलने से जान बचाई जा सकती है।
बारां जिले में पाए जाने वाले विषैले सांप
बारां जिले में मुख्य रूप से तीन प्रकार के विषैले सांप पाए जाते हैं:
- कोबरा: इसका ज़हर न्यूरोटॉक्सिक होता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है।
- करेत: यह छोटा और रात में सक्रिय रहने वाला सांप है। इसके काटने के 30 मिनट से 1 घंटे के भीतर इलाज न मिले तो जानलेवा साबित हो सकता है।
- वाइपर: इसका विष हिमोटॉक्सिक होता है, जिससे शरीर में भीतरी रक्तस्राव हो सकता है।
CMHO की अपील: झाड़-फूंक नहीं, अस्पताल जाएं
डॉ. सक्सेना ने जिलेवासियों से अपील की है कि यदि किसी व्यक्ति को सांप काटे तो झाड़-फूंक या अंधविश्वास में समय बर्बाद न करें।
“पीड़ित को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल ले जाएं। इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है।”
मानसून में बरतें सावधानी
बारिश के मौसम में पानी भराव वाले क्षेत्र, खेत, टॉयलेट, स्टोर रूम और घर के आसपास की झाड़ियों में सांपों की आवाजाही अधिक रहती है।
ऐसे में:
- रात में लाइट जलाकर चलें,
- रबर के जूते पहनें,
- घर के आसपास साफ-सफाई रखें।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी अस्पतालों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं ताकि किसी भी सर्पदंश मामले में त्वरित इलाज सुनिश्चित किया जा सके।